आज पहली दफा उनसे मुलाकात हुई थी
बस मैं थी वो थे......
और हमारे दरमिया ख़ामोशी
दिल में एक हलचल सी थी
बैचेनिया बड़ रही थीं...
उनसे क्या कहें,क्या पूछे
दिल समझ नही पा रहा था
लफ्ज़ बहुत कुछ कहना चाहते थे
हाल ए दिल बयां करना चाहते थे
लेकिन घबराहट से होठों पे चुपी सी लगी थी
मै तो निगाहें मिलाने से डर रही थी
नज़रे शर्म से झुकी थीं.....
आज पहली दफा उनसे मुलकात हुईं थी
बात की शुरूआत उन्होंने की थी
उनसे बात हुईं मुलाकात हुईं
बस उनसे मिलते ही ऐसा लगा
जैसे मेरी ये ज़िंदगी उन्हीं के
लिए थीं!!
@poet.sonam
पहली मुलाकात!!
Sonam Sharma
(C) All Rights Reserved. Poem Submitted on 07/13/2021
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