Sonam Sharma Quotes
अधूरी ख्वाहिशों के नाम है
जिन्दगी के कुछ पन्ने जो गुमनाम है.
कब खुलेंगे राज-ए-दिल
बस इसी बात पे ख़ामोश है
मेरी जिंदगी की मंज़िल!
सौ उलझनों में उलझा है दिल
ख्वाहिशों को दफना,
कर रहा है दुआ
मुकम्मल हो उसकी ज़िंदगी का कारवां
मिल जाएं उसे अपनी आखिरी मंज़िल का पता!
अपनो के दिए दर्द भुलाने के खातिर
ले रहे है सहारा गैरो का
तन्हा रातें गुजार रहे हैं
अश्को को छिपाकर होठों से मुस्कुरा रहें हैं
खुद को भुला कर अपनो के लिए जी रहे हैं!
दूरियां इतनी बड़ रही हैं
नजदीकियों का एहसास नहीं हो रहा
कैसा ये प्यार है लफ्जों में इज़हार और
दिल में इंकार है!