वक़्त बेहद नाजुक ,
न सरल न ही भाउक ,
मैंने भी खोया है,
जिसका इल्म है,
गुजरा ओ पल,
जिस पल में सुकून ,
ठुकरा कर दामन''
आँचल का हो लिया,
ऐसा वक़्त था ,
जिसकी अब कल्पना मात्र है,
मेरा वक़्त न पहले साथ था,,,
न आज साथ है।।