हमारे देश में लोगों की एक आदत है...
उनमें शहादत देने नहीं आदत है।
उन्हें कंगना, दिपिका से ज्यादा प्यार है...
क्योंकि खुद वो अपनी जिंदगी से बेजार हैं।
उनकी ज़िंदगी का लक्ष्य उन्हें पता नहीं...
इसलिए भारत माता की बेटियों में अब उतना दम नहीं ।
उन्हें दिखावा करने की आदत है...
झांसी की रानी, जोधा बाई में जो आग थी और अपने देश के लिए जीने मरने की तम्न्ना थी उसकी उन्हें आदत नहीं।
उन्हें चाहिए सिर्फ फैशनेबल कपड़े और अंग्रेजी बोलने का दिखावा....
उन्हें क्या पता जिंदगी जीने का तरीका ।
हमारे देश पर एक जमाने में बेटियां कुर्बान हुई हैं...
आज भले ही लड़कियां पढ़ लिख लेती हैं.... उनमें सिर्फ गुमान है ।
आज अखबार खोलो तो दिखता है लड़कियां पकड़ी गईं हैं...
आज इस मानसिकता वाली लड़कियों में हमारे देश में 'कुमुदिनी त्यागी' और ' रिती सिंह' जैसी शेरनियां विद्यमान हैं ।
भारत माता की धरती पर सारे देश का उन्हें 'सलाम' है...
हमारे देश में कुछ तो ऐसी बेटियां हैं जो भारत माता के लिए अपनी जान कुर्बान करने को तैयार हैं ।।।
'जय हिन्द'
मर्दानी
Yogesh V Nayyar
(C) All Rights Reserved. Poem Submitted on 09/24/2020
Poet's note: The appointment of "Kumudini Tyagi" and "Riti Singh" as fighter pilots on warship; inspired me to write this poem for my daughters for they are willing to lay their lives for their motherland "India".
Wrote it on 23/09/2019
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Poem topics: , Print This Poem , Rhyme Scheme
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