आईना पूछता हैं
तेरा हाल क्या है
हमनें कहा
जो तेरा हाल
वहीं मेरा हाल
तू मुझसे झूठ नहीं कहता
और मै तुझसे सच छुपा नहीं पाता
चाहे दुनियां के सामने कितना भी मुस्कुरा लू
पर तेरे सामने रोने से खुद को रोक नहीं पाता
ख़ुशी बाटने के लिए तो दुनियां है
लेकिन गम तू ही सुनता है
अपना दर्द सुनाने के लिए तेरे जैसा हमदर्द है
इसलिए थोडा मुस्कुराने का नाटक मै भी कर लेता हूं
दुनियां तो बस रोने का मज़ा लेती है
कहां कोई किसी के जज्बातों को समझ पाता है।
poet.sonam
आईना
Sonam Sharma
(C) All Rights Reserved. Poem Submitted on 05/23/2021
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