जो अपने दर्द छिपाता है।
और हमारे दर्द मिटाता है।
वह इंसान और कोई नहीं,
वह हमारे जन्मदाता है।
आज की जिंदगी में हम भले ही दौड़ रहे हैं।
पर यह कभी मत भूलना कि पहला कदम चलना कौन सिखाता हैं।
वह इंसान और कोई नहीं,
वह हमारे जन्मदाता है।
आज भले ही हम अपने सपने पूरे कर ले।
पर उन सपनों को पूरा करने का सही मार्ग जो दिखाता है।
वह इंसान और कोई नहीं,
वह हमारे जन्मदाता है।
- ऋषभ चावला
जन्मदाता (father)
Rishabh Chawla
(C) All Rights Reserved. Poem Submitted on 06/22/2020
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