नहीं मिलने वो आए–
हमसे, कई दिन तक ,
तो वो राहें छोड़ दीं,
जहाँ हम रोज़ मिलते थे ।
तुम्हारा इंतजार करता–
रहा, आँखें बिछाकर,
याद आये वो मुस्कराते–
होंठ, जो हमसे मिलने पर,
फूल जैसे खिलते थे ।
लेकिन जब पता चला,
कि हमारी नहीं है कोई–
जरूरत तुमको, क्योंकि
हमसे कोई बेहतरीन, कोई
और तेरे साथ है ।
तो फ़िर बिना तेरे रहने की–
आदत डाली, और लिया
तेरी यादों का सहारा,
खुश हूँ इस बात से
कि तुझसे ज्यादा वफादार,
तेरी याद तो
मेरे साथ है ।।