ये रात ना कटे ना काटी जाऐ
हर लम्हा बस‌ तेरी ही कमी खल जाऐ
जब भी कुछ सोचू तो तेरा ही चेहरा सामने आऐ
जब भी कुछ मांगू तो तेरा ही नाम दुआ में आऐ
अब बस यही गुजारिश है मेरी तूझसे ऐं खुदा
या तो रख दे उस चांद को मेरी हथेली में
या लेले हमारी सांसें इसी पल में
क्योंकि अब ये दूरी हमसे सहीं ना जाऐ
ये रात ना कटे ना काटी जाऐ