ना हम हिंदी हैं ,ना ही हम उर्दू ,
ना हम मुस्लिम है , ना ही हम हिन्दू |
हम सब तो सिर्फ इंसान हैं ,
मजहब हमारा इंसानियत व दिल �� में बसा हिंदुस्तान हैं |
यह एक ऐसा देश महान हैं,
जिसके निवासी हर धर्म केे इंसान हैं,
चाहे वो हिन्दू हो,मुस्लिम हो या फिर हो सिख , इसाई ,
सबके हृदय में बसता यहाँ सिर्फ हिंदुस्तान हैं |
हिंदुस्तान महान था उस समय भी
और अाज भी महान हैं ,
कुर्बान इस मेरे दिल- ओ- जान हैं
भारतीय
Murari Lal
(C) All Rights Reserved. Poem Submitted on 05/30/2019
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