इमोशनल बहुत हूँ, पर मुझे रोना नहीं आता
प्यार बहुत है, पर मुझे चाहना नहीं आता
फिक्र बहुत है, पर मुझे जताना नही आता
जज़्बात बहुत है , पर मुझे कहना नहीं आता
केयर बहुत है , पर मुझे दिखाना नही आता
कभी चिड़चिड़ी कभी घमंडी बोलते है लोग,
पर मुझे किसी को रोकना नही आता
शब्द बहुत है, पर मुझे समझाना नहीं आता
लोग कितना भी चिढा ले,
पर गुस्सा होना नहीं आता
गुस्सा भी हो जाऊ तो चिल्लाना नही आता
कोशिश तो बहुत करती है ये दुनिया
पर मुझे यूँ बदलना नहीं आता

बिखरी हुई ज़िंदगी को यूँ पिरोना नहीं आता
दर्द बहुत है पर उसे पीना नहीं आता
यूँ ही हूँ मैं पसंद है तो ठीक है,
पर अच्छा बनने के लिए मुझे किसी के आगे गिड़गिड़ाना नहीं आता
छोड़ना चाहो तोह छोड़ दो
ये ही है जीवन का सार मेरा
पकड़ कर रखूँगी व्यवहार मेरा
मुझे कुछ भी रास्ते पर छोड़ना नही आता
मुझे यूँ बदलना नहीं आता