बचपन बदल गया कहीं यौवन बदल गया
तारीख़ तो वही है मगर सन बदल गया
पुरज़ोर हमने कोशिशें कीं कुछ नहीं हुआ
पर देखते ही देखते जीवन बदल गया
सोचा तो था कि आपसे ताल्लुक़ निभाएँ
तनमन बदल गया कभी दामन बदल गया
उनका बुलावा था मगर कुछ इस तरह से था
तैयार जाने को हुआ फिर मन बदल गया
काँटों के राज में बड़ी फूलों की शामतें
कुछ इस अदा से आलमे-गुलशन बदल गया
तारीख़
C K Rawat
(1)
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