आप रखिए तो सही पहला क़दम
ख़ुद-ब-ख़ुद उठ जाएगा अगला क़दम

इब्तदाई मुश्किलें आईं मगर
इक क़दम से दूसरा निकला क़दम

उस तरफ़ ही रास्ता बन जाएगा
जिस तरफ़ उठ जाएगा पहला क़दम

दूर चाहे कितनी भी हों मंज़िलें
पास ले आएगा हर अगला क़दम

दूरियों तक रास्ते भटकाएँगे
पड़ गया हो गर ग़लत पिछला क़दम