मेरी लाश कफन में लिपटा देख मत रोना ।
क्योंकि पूरी विश्व में फ़ैल रहा कॉरोना ।।
ये ऐसी फ़ैल रही महामारी ।
जिसको सभाल ना पा रही ये दुनिया सारी।।
वुहान से ये शुरू हुआ ऐसा ।
किसी गेहूं के खेत में आग लगी हो जैसा।।
दुनिया के अच्छे अच्छे डॉक्टर लग गए।
इस वायरस का मिल कर भी ना रोक पाए।।
चाइना में तो गिनती नहीं कितने मरते जाए ।
अब तो इटली दुसर नंबर लिए लगाए।।
दुनिया रही बहुते घबराए ।
देख टीवी में जब मरने वाले आंकड़े आए।।
अभी मिल ना रहा पक्का उपाय ।
लोग चिल्ला रहे हाय हाय ।।
Written By- BHUPENDRA NISHAD
कॉरोना का कहर
Bhupendra Nishad
(C) All Rights Reserved. Poem Submitted on 03/26/2020
(1)
Poem topics: , Print This Poem , Rhyme Scheme
Write your comment about कॉरोना का कहर poem by Bhupendra Nishad
Best Poems of Bhupendra Nishad