Surekha Mali Poems
- 1. मेरे कुछ पागल से दोस्त
हर पल जिंदगी की दौड़ में शामिल हैं, मगर फिर भी कुछ लम्हें निकाल , एक दूसरे की टांग खींचते मेरे कुछ पागल से दोस्त।
जिस्म से जुदा जुदा हैं, पर दिल से हर वक़्त करते याद हैं,
लड़ने के लिए हर लम्हा तैयार, फिर भी मुश्किल में मेरे हर पल रहते साथ हैं,
... - 2. आजमाइश
ए ख़ुदा आज तेरी ये आजमाइश भी देखते हैं।
सालो पहले बिखर चुके कई रिश्तों को दोबारा जोड़ने की तेरी ये फरमाइश भी देखते हैं।
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