हकीक़त में मुलाक़ात ना सही
ख़्याल में तेरा दीदार कर लेते है
तुमसे मिल नहीं पाते
इसलिए तुम्हारी यादों में ही
तुम्हारा एहसास महसूस कर लेते है
वज़ह ढूंढ़ते है तुम्हें भूलाने की
लेकिन भूला नहीं पाते
क्यों की हमें भूलना आता ही नहीं
और एक बार जो किसी को दिल में बसा ले तो
रिश्ता प्यार का उम्र भर निभाते है
क्या करे दिल से निकालना हमें आता ही नहीं।
poet.sonam