कि रिमझिम बारिश में अक्सर ,
उनके याद आ जाते हैं।
लहरते बालों से छीटे उड़ाने ,
उनके याद आ जाते हैं ।।
उनके याद आ जाते हैं ।।


शराब से बुझा लिया करता हूँ ,
अब दिल के आगों को।
राह क्यों देखा करता है न जाने,
क्या हुआ इन आँखों को।
धड़क उठता है जब सात्विक सा दिल ,
तब घटा भी घनगोर छा जाते हैं।
तब घटा भी घनगोर छा जाते हैं।

वो बिताए हुए दिन और रातों के ,
बातों को क्यो भूल जाते हैं।
याद आता है जब वो पल आशुँ ,
आँखों में खुद भर आते हैं।
बिता कर साथ में जिंदगी को ,
अक्सर क्यो भूल जाते हैं ।
अक्सर क्यो भूल जाते हैं।।।

रिमझिम बारिश में अक्सर ,
उनके याद आ जाते हैं ।
याद आ जाते हैं ।
याद आ जाते हैं ।।।