एक कहानी है जो मुझे सबको बतानी है,
कुछ बातें सुनी और कुछ अंजानी है।
थोड़ी सी नई और थोड़ी सी पुरानी है,
सूर्य चमक था जिनका, वही हमारी कहानी ।
महाराणा ,पृथ्वी,कुंवर और बहुत से ऐसे नाम हैं।
देश और कौम की खातिर,त्याग दिए अपने प्राण हैं
बरसों से की है वतन की रक्षा, और दी बलिदान है,
संतान हैं हम उनके जिनकी वीरता में पहचान है।
हे राजपूतों जाग उठो स्वाभिमान बचाने भाग उठो,
देश को बचाने के लिए भारती को चोला पहनाया था।
उन काफिरों को चीरकर मां ने धरती को खून से नहलाया था।
शस्त्र उठाओ वीरों अब तलवार वही पुरानी है ।
हम सब अब भी वही हैं ये बात याद इन्हे दिलानी है।।
अब हाय हेल्लो को छोड़कर कहना जय माँ भवानी है।
ये राजपूतों की कहानी है, राजपूत की ही जुबानी है ...
एक कहानी
Satwik Bhardwaj
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