बावरे मन लोभ ना कर सब धरा रह जाएगा
पैसा जायदाद सब यूँ ही पड़ा रह जाएगा
बेवफ़ाई, बेरुख़ी, बेगानगी है हर जगह
काग़ज़ों में हो के गुम लफ़्ज़े वफ़ा रह जाएगा
ना कहीं ये लोग होंगें ना कहीं ये ज़िंदगी
पीछे दुनिया का अगरचे सिलसिला रह जाएगा
यूँ अगर नादानियों का बोझ बढ़ता जाएगा
तो जहाँ पर है वहीं पर क़ाफ़िला रह जाएगा
हैं ग़लत सारी दिशाएं उल्टे सारे रास्ते
देखिएगा सब से पीछे रहनुमा रह जाएगा
सब धरा रह जाएगा
C K Rawat
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