आपके बिना जीवन है अधुरा ,
आपने जीवन का महत्व समझाया ,
आपकी दुआ से जीवन मे रंग है भरा ,
आपने बच्चों के हर जिद को है पाला ,
उनके जिद के सामने अपनी इच्छा को है भुलाया ,
आपसे बढके इस विष्व में कहांं ,
आपने सभी मुसीबतों से है बचाया ,
मुसीबतों से डर के भागने से है डांटा ,
आपने सिखाया जीवन में बढ़ना है आगे ,
परेशानी में आते हैं आप याद सबसे पहले ,
चाहे परिस्थिति जैसी भी हो सामना करना है डटके ,
यही है सिखाया आपने बचपन से डांटके ,
आप हो इस दुनिया के बहुमूल्य रत्न ,
जिसके सामने फीका पर जाएं भूमिगत रत्न ,
आपने दीए इस देश को कई वीर जवान ,
जिसकी शूरवीरता से देश है भाग्यवान ,
आपके आगमन से देश हुआ सुंहेरा,
आपकी कृपा से हर घर में खुशी का फूल है खिला,
आपके प्रसंग में जितना ही बोले व्यर्थ है ,
यह एक दिन क्यों करना र्सिफ आपके नाम ,
साल के ३६५ दिन होने चाहिए आपके नाम ।
मातृ दिवस
Anubhavranjan Dasgupta
(C) All Rights Reserved. Poem Submitted on 05/03/2021
Poet's note: Poem for our moms and their sacrifice for then children and the most auspicious day know as Mother's Day celebrated for them.
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