हंँस के लुटा देती है सारा प्यार अपने दामन से।
प्यार भी ऐसा जो किसी से छिपा नहीं होता।।

हाथ उठते हैं तो सलामती की दुआओं के लिए।
दूर रहकर भी बेटा दिल से जिसके जुदा नहीं होता।।

सहारे के बदले देता है जो आँसू उनको।
उसका जमाने में बाकी निशां नहीं होता।।

सोच के देखा तो खुदा के बिना मुमकिन भी लगा।
मगर माँ ना होती तो यकीनन ये जहाँ नहीं होता।।