ना खता तुजसे हुयी है

ना खता मुझसे हुयी है

हम पास आने वाले ही थे की

ये अचानक से दूरियां क्यों बढ़ गयी है

ना गलती तुम्हारी है

ना गलती मेरी है गलती तो बस

ना समझी की है

ना मैं तुम्हे समझ पाया

ना तू मुझे समझ पायी

और न ही हमारे करीबी

हम दोनों को समझ पाए

तो मैं फिर ये कहता हूँ

जो कदम हमने रोक लिए थे आगे बढ़ाने से

क्या फिर हम वही कदम बढ़ाये

एक दूसरे से मिलने को

मेरे पास एक दर्द है

जिसकी दवा सिर्फ तुम ही हो

इसमें किसी की भी गलती नहीं है

ना खता तुजसे हुयी है

ना खता मुझसे हुयी है

हम पास आने वाले ही थे की

ये अचानक से दूरियां क्यों बढ़ गयी है

हम एक दूसरे को समझ चुके थे

मैं तुम्हे पूरा करता और तुम मुझे

दुसरो को क्या फरक पड़ता है

फ़र्क़ तो हमें पड़ना चाहिए

ना जाने क्यों

दूसरों की मर्ज़ी जरूरी लगने लगी

सही तो सब होते है

इन सब मैं ,

मैं और तुम भी

गलत तो कोई है ही नहीं

फिर मैं और तुम क्यों गलत है

तो फिर सब गलत क्यों एक दूसरे को बोल रहे है

मैं फिर कहता हूँ ना खता तुजसे हुयी है

ना खता मुझसे हुयी है

हम पास आने वाले ही थे की

ये अचानक से दूरियां क्यों बढ़ गयी है

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