कवि तो कवि होते है ।
ये ऐसे बुद्ध जिवी होते है
प्रखर इनकी रचनाओं में
शब्दों से रवि होते है।
हैदराबादी, उर्दू , या हिन्द,
ये लखनवी होते है ।
व्यंग, कविताएं, तंज कसने में,
ये बड़े अनुभवी होते है ।
कागज़ वस्त्र इनके ,
कलम आभूषण
समाज में साक्षरता की छवि होते है।
मै कवि नहीं , और क्या लिखूं ,
कबीर , तुलसीदास , बच्चन , निराला,
संसार में कभी कभी होते है ;
कवि तो कवि होते है ।।