Vikas Giri Poems
- 1. चुनावी मेंढक Poem On Delhi Election
फिर से निकलेंगे चुनावी मेंढक इस चुनाव में,
वो घोषणाओं के पुल बांधेंगे,
लोगो को लालच देकर बहलायेंगे और फुसलायेंगे,
... - 2. हां, मैं आज़ाद हिंदुस्तान लिखने आया हूं
भूखे, गरीब, बेरोज़गार
अनाथों और लाचार की
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