अपनो के लिये
जिन्दगी एक लम्हा है सवरने के लिये,
जिन्दगी एक पल है बिगडने के लिये,
एक छो़टे से पल के लिये जिन्दगी मत छोडो,
एक लम्हा बहुत है जिन्दगी बद्लने के लिये,
अपनी हालत देखकर यू मायूस मत हो,
करोडो सो जाते है सडकों पे बिना खाये,
एक छोटी सी कोशिश तो करो अपनी हलत बद्लने के लिये,
बढा कदम्, तोड दे जजींरे, कर ले दुनिया मुट्ठी में,
बन जा जो बनना चहता है,
बस बनने के बाद एक कदम उठा देना अपने जैसो के लिये,
मत छोड इस जिन्दगी को यू हि,
ये मिली है किसी कि दुअा से,
अपने लिये नही तो थोडा जी ले अपनो के लिये । ।
Apano Ke Liye
Shivam Yadav
(C) All Rights Reserved. Poem Submitted on 11/08/2019
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