Neha Singh Poems
- 1. Gwara Nhi
गवारा नहीं
गवारा नहीं मुझे
मेरी रूह से वाजिद होना
मगर कसर उन्होंने भी नहीं छोड़ी मेरे जिस्म को नोच खाने की
... - 2. Chikh
.चिख
कश्मीर में पढ़े लिखे युवाओं को दरिंदे बनते देखा है मैंने
कश्मीर की वादियों को आतंक की आग में जलते देखा है मैंने
... - 3. नारी
1. नारी
मैं कौन हूं
मैं क्या हूं
मैं उस आधुनिक युग की नारी हूं
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