मरना ही है तो,
देश के लिए मरो,
यह लड़की के लिए मरना,
समझ में नहीं आता है।
अगर प्यार है सच्चा तो,
जबरदस्ती मत करो,
प्यार में बल दिखाना,
समझ में नहीं आता है।
मरना ही है तो,
प्यार करने वाले मां बाप के लिए मरो।
यह प्यार ना करने वाले के लिए मरना,
समझ में नहीं आता है।
अगर जताना है प्यार तो,
जी के बयां करो,
मर के प्यार जताना,
समझ में नहीं आता है।
सोचो क्या बीतेगी उस पर,
अगर मर मिटोगे उस पर,
अगर प्यार है सच्चा तो खुशी दो,
प्यार में दुख देना समझ में नहीं आता है।
यह अनमोल जिंदगी गवानी है तो,
किसी बड़ी चीज पर गवाओ,
एक लड़की पे गवाना,
समझ में नहीं आता है।
अगर महान हो तो,
जी के दिखाओ,
मर के महान बन्ना,
बुजदिली कहलाता है,
मर के महान बन्ना,
समझ में नहीं आता है।
एक लड़की पर मर मिट जाना,
समझ में नहीं आता है।
अनमोल जिंदगी यूं ही गवाना,
समझ में नहीं आता है।
यूं प्यार में मिट जाना,
समझ में नहीं आता है।
छोटी बातों पर मर जाना,
समझ में नहीं आता है।
अनमोल जिंदगी यूं ही गवाना,
समझ में नहीं आता है।
प्रेमी के पीछे मत मरो
Gopal Krishnan
(C) All Rights Reserved. Poem Submitted on 06/14/2020
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गोपाल कृष्णन: प्रेमी प्रेमिका -एक इच्छा! ज्यादा नकारात्मक सोचो तो मौत!
बड़े लक्ष्य मैं अग्रसर होना, सोचे बिना रहना, समस्या का समाधान।
गोपाल कृष्णन: प्रेमी प्रेमिका -एक इच्छा! ज्यादा नकारात्मक सोचो तो मौत!
बड़े लक्ष्य मैं अग्रसर होना, सोचे बिना रहना, समस्या का समाधान।
एक व्यस्त इंसान के पास सोचने का समय नहीं रहता।
गोपाल कृष्णन: प्रेमी प्रेमिका -एक इच्छा! ज्यादा नकारात्मक सोचो तो मौत!
बड़े लक्ष्य मैं अग्रसर होना, सोचे बिना रहना, समस्या का समाधान।
एक व्यस्त इंसान के पास सोचने का समय नहीं रहता।
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