ज़िंदगी हम न तुझसे हारेंगे
तुझको तेरी गली में मारेंगे

इन सितारों के बस में कुछ भी नहीं
ये फ़क़त दूर से निहारेंगे

तू सुने ना सुने कि हम तुझको
आख़िरी दम तलक पुकारेंगे

हाथ बाँधे हुए जो बैठे हैं
वो कोई ज़ुल्फ़ क्या संवारेंगे

अपनी आँखों में मूँद ले हमको
हम यहीं ज़िंदगी गुज़ारेंगे

तू कोई ख़्वाब बन के आ जाना
हम तुझे नींद में पुकारेंगे