इच्छा है कि इच्छाएं मेरी जान लेलें,
मैं डरता नहीं मौत से एक बार इम्तिहान लेलें
मुझे पसंद वो बचपन नहीं जिसमें
मेंने अपनी कागज की कश्ती में
अपने सपने बारिश के पानी से भिगोए,
मुझे पसंद अपनी जवानी नहीं
जहां मैने अपने अपने प्यार के अफसाने पिरोए।
मुझे मेरी तरक्कीपसंद इच्छाएं पसंद हैं,
जिनसे मुझे थोड़ा बहुत ही सही मिलता तो है
मेहनत करके घर लौटू तो कुछ पैसा दिखता तो है।
इच्छाएं
Arsh Babbar
(C) All Rights Reserved. Poem Submitted on 05/08/2019
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