Who is Dinesh Jangra
Dinesh nigana village ...Read Full Biography of Dinesh Jangra
Dinesh Jangra Poems
- बचपन
दो चार कमिने यार मेरे, थे उल्टी सीधी लावण ने
हप्पा आला जोहड़ रहया ,था डेली गोता लावण ने
खारा टिवल की खेळ भी थी, कागज की किस्ती तिरावन ने
MD स्कूल का न्यारा नजारा था ,आपस में बालक खिजावन ने ...