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चाहत की हद

Sanjay Gupta

हम करते रहे याद उनको पानें की हद तक,
पर मिल सके वह फ़क़त याद आने की हद तक।
हाँ याद उसको रखूँ हद कैसे करूँ मुक़र्रर ,
या बेहद ही रखूँ भूल जाने की हद तक।

(C) Sanjay Gupta
07/11/2019


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