वक़्त बेहद नाजुक , न सरल न ही भाउक , मैंने भी खोया है, जिसका इल्म है, गुजरा ओ पल, जिस पल में सुकून , ठुकरा कर दामन'' आँचल का हो लिया, ऐसा वक़्त था , जिसकी अब कल्पना मात्र है, मेरा वक़्त न पहले साथ था,,, न आज साथ है।।