गर रज़ा की रज़ा हो जाए, मशहूरियत भी अपनी गुलाम हो जाए,, ख़्वाब तब नवाबों वाले होंगे,,,बेशक,,, उचाईयों में अलग अपना भी नाम हो जाए,,,, To be continued,,,, सतीश सेन