जमीं से फलक,
ये सफर जिसकी बदौलत।
एक पल न लगा,
भुला बैठे ओ जरूरत।
जिसके नाम से,
हुआ तेरा जहाँ रोशन,
आज हुआ,
ओ सबसे बड़ा दुश्मन।
चंद खुशियां जो,
तूने आज बज़ार से खरीदी है,
बेसक होंगी मुझसे महंगी,
खरीदी हुई दौलत।
मेरे अस्क,
न रुकेंगे अब कयामत तक,
दुनियां मे बिकता सब,
सिवा प्यार के।