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जग जगत लागे धूल बराबर

Nir Baghwar

जग जगत लागे धूल बराबर
ऐसो प्रीत लगायो है
सुबह शाम थारो नाम जपत है
पीर ना अब सह पायो है

कि दिन रात का ना तो पता चले अब
कब के कब बीत ये जायो है
मिलन की है आस जगी अब
पर तू कभौं ना आयो है

की मिले जो तू तो व्यथा सुनाऊं
म्हारे दिल का दुख दर्द बताऊं
प्रेम में थारो रंग्यो एसो
श्वेत ना अब तनीक भी भायो है
सुबह शाम थारो नाम जपत है
पीर ना अब सह पायो है

की मीरा जैसो जोग करूं मैं
श्याम मनोहर नाम जपुं में
प्रेम में थारो रंग्यो एसो
श्वेत ना अब तनीक भी भायो है
मिलन की है आस जगी अब
पर तू कभौं ना आयो है।

(C) Nir Baghwar
08/14/2020


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