internetPoem.com Login

वक़्त

C K Rawat

वक़्त का खेल है समझिएगा
आज गिरिएगा कल संभलिएगा

इक क़दम फूल इक क़दम काँटे
होशियारी से पाँव रखिएगा

काँच का फ़र्श मोम की छत है
दिल में बाएहतियात रहिएगा

उनसे वादा वफ़ा नहीं होगा
न ग़लतफ़हमियों में रहिएगा

(C) C K Rawat
05/27/2019


Best Poems of C K Rawat