internetPoem.com Login

...तुम नहीं हो

C K Rawat

यह चाँद है यह रात है पर तुम नहीं हो
यह लौ है यह चिराग़ है पर तुम नहीं हो

इस रात की ख़ामोशियों में बस तुम्हारी
आवाज़ ही आवाज़ है पर तुम नहीं हो

मेरे कांधे पर तुम्हारे गेसुओं की
छुअन का एहसास है पर तुम नहीं हो

आज भी मेरे सिरहाने पर तुम्हारी
एक अधखुली किताब है पर तुम नहीं हो

उस अधखुली किताब में रखा तुम्हारा
एक ख़त भी मेरे पास है पर तुम नहीं हो

(C) C K Rawat
09/25/2019


Best Poems of C K Rawat