दूर दूर तनहा तनहा कोई ख़फ़ा है बेशुबहा ख़ुद हमको भी इल्म नहीं दर्द रहा दिल में पिनहा शब भर ग़म पैबस्त रहे भाग उठे सुबहा सुबहा नाउम्मीदी की रातें उम्मीदों की हर सुबहा ना जाने कब बीत गया जीवन ये लम्हा लम्हा