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शायद

C K Rawat

पाँव गरचे तेरा छिले शायद
पर कोई रास्ता मिले शायद

उनसे फिर बात करके देख ज़रा
दूर हो जाएँ सब गिले शायद

आज लगता है बेवजह न हुए
दर्द के दिल में दाख़िले शायद

ऐ बशर, ज़िंदगी के आगे भी
ज़िंदगी के हैं सिलसिले शायद

(C) C K Rawat
06/04/2019


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