पाँव गरचे तेरा छिले शायद पर कोई रास्ता मिले शायद उनसे फिर बात करके देख ज़रा दूर हो जाएँ सब गिले शायद आज लगता है बेवजह न हुए दर्द के दिल में दाख़िले शायद ऐ बशर, ज़िंदगी के आगे भी ज़िंदगी के हैं सिलसिले शायद