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कहीं देखा हैं

Prerna Dixit

कहीं देखा हैं तुमने उसे जो मुझे सताया करता था जब भी उदास होती थी मैं
कहीं देखा हैं तुमने उसे 
जो मुझे सताया करता था 
जब भी उदास होती थी मैं 
मुझे हँसाया करता था 
एक प्यार भरा रिश्ता था वो मेरा 
जो मुझे अब भी याद आता हैं 
खो गया वक्त के भँवर में कहीं 
जो हर पल मेरे साथ होता था 
आज एक अजनबी की तरह हाथ मिलाता हैं 
जो छोटी से छोटी बात मुझे बताया करता था 
कहीं मिले वो किसी मोड़ पर 
तो उसे मेरा संदेशा देना 
कोई हैं जो आज भी उसका इंतजार कर रहा हैं 
जिसे वो मेरा सच्चा साथी बोला करता था 
Jai shree krishna....
Pre.........

(C) Prerna Dixit
07/13/2019


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