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तेरी रोशनी, तेरा साया

Sagar Rathore

रोशनी देता है तेरा साया मुझको,
खुशनसीब हूं जो मैंने पाया तुझको;

जब मेरे जीवन का दीपक जलने लगा,
जब बढ़ती उम्र के साथ दुनिया में साया ढलने लगा,
तब तेरी रोशनी थी मेरे पास जो मैं बिना रुके, बिना डरे आगे चलने लगा;

रोशनी देता है तेरा साया मुझको,
जब भी भटका तब मैंने पाया तुझको

जब कभी वो दीपक आग सा दहकने लगा,
जब कभी उजियाले के अहंकार में वो बहकने लगा,
तब शीतल उस वर्षा में तेरी रोशनी से वो आया है,
माँ हर वक्त तू मेरा साया है|

रोशनी देता है तेरा साया मुझको,
अंतिम सांस तक दिल में मैंने समाया तुझको|

(C) Sagar Rathore
05/27/2019


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