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जब तक साँसें चलती हैं।

Jazbaat-e- Abhin

बिन तेरे मेरा कोई जनम न होगा,
तुझसे इश्क़ मेरा ये कम न होगा।
तू हो साथ गर तो मर भी जायें,
तो भी कोई गम न होगा।

तुझसे प्यार किया है तो,
किसी भी हद तक जाऊंगा,
तुझको पाकर के मैं मुहब्बत का,
एक नया इतिहास बनाऊंगा।

मैं उनमें से नहीं जो इश्क़ का मतलब,
बस जिस्म को पाना समझते है,
मैं ऐसा मजनूं हूँ जो लैला की,
रूह की ख़ातिर तड़पते हैं।

कि अब तो चले आओ हमदम,
कि जीवन की सांझ अब ढलती है।
रह लें हम संग तेरे "अभिन"
जब तक ये साँसें चलती हैं।
जब तक साँसें चलती है।

(C) Jazbaat-e- Abhin
05/28/2019


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