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प्रेम का अंधापन

Bhupendra Nishad

लड़का इतना नादान।
मा बाप छोड़ पढ़ने ना जाने की ठान।।
जब थोड़ी समझदारी आय।
नौकरी के लिए तैयारी करने पहुंचा जाय।।
नादान समझ ना पाया दुनिया सारी ,
उसको प्रेम नाम की लगी बीमारी ।
कई सालो में इतनी मोहब्बत बढ़ती गई ।
की साथ रहने की खाई कस्मे कई ।।
एक दूजे से बात करे बिन रह ना पाएं ।
जिसे बना बैठा अपनी दुनिया सारी ।
उसने ना निभाई पाई अपनी जिम्मेदारी।।
अब प्रेम की सीमा हुई आपार ।
की प्रेमी छोड़ बैठा संसार ।

(C) Bhupendra Nishad
06/03/2020


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