शिव

हे शिव शंभू, आपकी महिमा अपरम्पार है
हमारे तो हैं दो हाथ, आपके हज़ार हैं

आपकी जटा से तो गंगा बहती है
आप जैसा वर मिले, यह हर लड़की कहती है
आपसे मिलने बद्रीनाथ, सभी तैयार हैं
हमारे तो हैं दो हाथ, आपके हज़ार हैं

आपके गले उतरने से ज़हर भी रुक जाता है
अपके सामने आकर पूरा संसार झुक जाता है
भक्तों के कष्ट दूर करने आप नंदी पर सवार हैं
हमारे तो हैं दो हाथ, आपके हज़ार हैं

प्रथम पूज्य देवता आप ही का तो अंश है
आपकी उनकी कृपा से चल रहा सभी का वंश है
मां जदम्बा जगजननी आप ही का प्यार हैं
हमारे तो हैं दो हाथ, आपके हज़ार हैं

Soham Chauhan
(C) All Rights Reserved. Poem Submitted on 06/29/2019 The copyright of the poems published here are belong to their poets. Internetpoem.com is a non-profit poetry portal. All information in here has been published only for educational and informational purposes.