"awarenes For Using Indian Products"

अब भारत देश को बचाना है ,
तो स्वदेशी ही अपनाना है।
हमारी ये जिम्मेदारी है ,
सारे देश को समझाना है ।

स्वदेशी ही अपनाना है ,स्वदेशी ही ले आना है।

हमारे अकेले से क्या होगा ,
इस मिथ्या को झुठलाना है।
हम एक नहीं बहुत हो जाएंगे,
इस जागरूकता को फैलाना है।
जागरूकता वाली बात को बस सीरीज(एक से दो ,दो से चार) में ले जाना है,
और सबको यही बात समझाना है ,
अब हमको आगे जाना है ।

स्वदेशी ही अपनाना है,.........

शहर हो या गाव हो या सारा हिंदुस्तान हो ,
बस यही बात फैलाना है ।

स्वदेशी ही अपनाना है,...............

उनके समानो का बहिष्कार कर,
अपने देश में ही बनाना है।
हमे अपनी जीडीपी पर भी तो ध्यान पहुंचाना है।
जो दिक्कत आयगी हम पर,
अब उसको भी सह ले जाना है।

स्वदेशी ही अपनाना है ,…................

स्वदेशी वस्तुएं के इस्तमाल का लाभ है क्या ,
इसको सब को बताना है।
अगर देश में रोजगार को बढ़ाना है ।

तो स्वदेशी ही अपनाना है,..................

जवान तो अपना जीवन दे ,
अपने देश पे मर जाते है ।
तो हमे भी अब स्वदेशी अपना करके,
अपना मान को बढ़ाना है।
चाहे भारत माता के लिए सही ही,
ये काम करते जाना है ।

स्वदेशी ही अपनाना है ,.................

अपने भारत को अब बहुत ऊंचाई पे ले जाना है।

"Think globally and Act locally"
वाली विचारधारा को अपनाना है!!

स्वदेशी ही अपनाना है स्वदेशी ही ले आना है!!!!!

-by shivraj

Shiv Raj
(C) All Rights Reserved. Poem Submitted on 05/16/2020 The copyright of the poems published here are belong to their poets. Internetpoem.com is a non-profit poetry portal. All information in here has been published only for educational and informational purposes.