बचपन

क्या याद हैं वो बातें बचपन की
जब बे फिक्र रहा हम करते थे,
न जाती , धर्म से लेना देना
एक साथ सब मिलकर रहते थे।
जब घर से गुस्सया करते थे
तो बाहर में खाया करते थे,
अधिक भूख लगने पर कक्षा में
टिफिन चुरा खाया करते थे।
न ऊँच नीच का भेद भाव था
एक साथ सब खेला करते थे,
सिर्फ कंचे, गिट्टी, गुल्ली में
खुसियों पाया करते थे।
पापा से रुपया न मिलने पर
मम्मी को मनाया करते थे,
उस पैसा को मिला कर
सब सिनेमा देख आया करते थे।
क्या याद है वो बातें बचपन की
जब बे फिक्र रहा हम करते थे,

Satwik Bhardwaj
(C) All Rights Reserved. Poem Submitted on 10/30/2022 The copyright of the poems published here are belong to their poets. Internetpoem.com is a non-profit poetry portal. All information in here has been published only for educational and informational purposes.