Facebook वाला प्यार

पहली बार बात हुई थी,
मेरे लिए गर्मी के मौसम में बरसात हुई थी,
अजीब है कहानी हमारी facebook पर मुलाकात हुई थी ।।

न उसे देखा था न उसे जानता था,
पर उसकी बातों में दम था मेरा मन ये जरूर मानता था ।।

कुछ भी हो बाते उससे रोज होने लगी थी,
शायद वो भी मुझमे इस कदर खोने लगी थी,
रोज जल्दी सोने वाली अब 12 बजे सोने लगी थी,
मुझे याद कर वो emojies से रोने लगी थी ।।

जब भी कॉल किया उसने तुम बोलो से सुरुवात हुई ,
अजीब है कहानी हमारी facebook पर मुलाकात हुई।।

उसने हर बार मेरा ख्याल रखा था,
मेले बाबु ने मुझसे खूब प्याल रखा था,
मेरे खाने न खाने का भी हिसाब रखा था,
जो तबियत ठीक न हो मेरी kisses text पे बेहिसाब रखा था ।।

आज भी वो मेरी है मैं उसका हु,
वो साथ नही तोह पता नही मैं किसका हु,

हम जैसे पहले दिन थे वैसे ही आज है,
मतलब हमारे प्यार में आज भी वही जज्बात है,
ये एक अजीब सी प्यारी facebook की मुलाक़ात है ।।

1 मिनट रुको कह के कभी कभी आधा घंटा लगा देती थी,
जो गुस्सा हुआ मैं तोह अपनी अदाओं से पिघला देती थी,
2 मिनट में ही मुझे अपनी बातों से दुनिया घुमा देती थी,
हां पागल नही हु मैं पर मुझे पगलु बुला लेती थी ।।

उसके नसे में कुछ अलग ही बात थी,
अजीब है कहानी हमारी फेसबुक की मुलाकात थी ।।

मेरे देर तक online नही आने से परेशान हो जाया करती थी,
और जब आता था मैं तोह खुद offline होकर मुझे सताया करती थी,
पुरे दिन की कहानी वो मुझे बताया करती थी,
जो परेसान होता देखती मुझे तोह समझाया करती थी,
गलती मेरी हो तोह प्यारे डाट भी लगाया करती थी ।।

उसकी हर एक कहानी में मजेदार बात थी,
अजीब है कहानी हमारी facebook की मुलाकात थी ।।

Priyanshu Raj
(C) All Rights Reserved. Poem Submitted on 07/01/2019 The copyright of the poems published here are belong to their poets. Internetpoem.com is a non-profit poetry portal. All information in here has been published only for educational and informational purposes.