कोविड

क्या चाहता है कोविड आपसे
भरत लो संयम कुछ दिनों के लिए

घर में बैठो , दूरी बनाए रखो
अपने आप को स्वच्छ रखो

क्या आप इतना भी नहीं कर सकते ?
अपनी सेहत के लिए ?
अपनी खुशी के लिए ?

अपने लिए नही
दूसरों के लिए सही

उन गरीबों का सोचो जो भूखे मर रहे हैं
आपके अय्याशी के कारण वह दुख भोग रहे हैं

अगर सब नियमों का पालन करेंगे
तो कोविड कैसे बढ़ेगा?

कोविड खत्म हुआ तो सब कुछ मिलेगा
सबकी खुशियां लौट आएगी

आपको अपनी जान की परवाह नहीं
किसी को फर्क पड़ता नहीं

पर दूसरों की जिंदगी बर्बाद करने का
आपको कोई हक नहीं

दूसरों की जिंदगी बर्बाद करने का
आपको कोई हक नहीं

Gopal Krishnan
(C) All Rights Reserved. Poem Submitted on 05/31/2020 The copyright of the poems published here are belong to their poets. Internetpoem.com is a non-profit poetry portal. All information in here has been published only for educational and informational purposes.